Tuesday, June 26, 2012

ये किताबों के किस्से

ये किताबों के किस्से,
ये अफ़सानो की बातें,
यादो मे भीगी हुई,
ये जुदाई की रातें.

ये उलफत की कश्ती,
ये किनारो के वादे,
जसबात से भरी हुई,
ये काग़ज़-शियाही की मुलाक़ाते.

फलसफा ये बातें,
या कोई नज़्म पुरानी,
है ये हक़ीकत,
या बेनाम कहानी.

क्या लिखना इन्हे,
क्या महफूज़ करना,
हमारी दिल की बाते है,
इन्हे सिर्फ़ महसूस करना.

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