Wednesday, June 13, 2012

चलो मुहब्बत हम कर लेते है

चलो मुहब्बत हम कर लेते है,
अब अपने दिल को एक कर लेते है,
चलो मुहब्बत हम कर लेते है.

इस मुहब्बत की वादी मे,
आओ हम दो दो कदम चल लेते है,
इन हाथों की लकीरो को अब हम एक कर लेते है,
आओ चलो मुहब्बत हम कर लेते हैं.

चलो खो जाते है इन खाबो मे,
जाकर वहा रिश्तो को जोड़ लेते है,
चाहत के इन रंगों मे हम,
चलो अपना सपना रंग लेते हैं,
आओ चलो हम मुहब्बत कर लेते हैं.

चलो रह जाते है वो आशियाने मे,
जहा प्यार के फरिश्ते रहते है,
वफ़ा के इन धागो से अब हम अपने जीवन बून लेते है.

आओ चलो मुहब्बत हम कर लेते है,
आओ चलो मुहब्बत हम कर लेते है

No comments:

Post a Comment