मुलाक़ात का दिन आ रहा है,
क़रीब उनके जाने का दिन आ रहा है,
जो दिल ने कहा है, जो दिल ने सुना है,
वो सब एहसास दिलाने का दिन आ रहा है.
अब ये दिल चीर के आपके कदमो मे रखदू,
के जान लूटाने का दिन आ रहा है,
छा रही है मदहोशी इस कदर,
के अब निगाहे चुराने का दिन आ रहा है.
यह फ़िज़ाए झूमती फिर रही,
के सावन मे गुल खिलने का दिन आ रहा है,
बहुत हुई अब दिलोकी लुक्का छिपी,
के अब बादलो से बेपर्दा होने का दिन आ रहा है.
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