कुदरत का सितारों पर,
रोशनी का नजारो पर,
उदासी का गुलज़ारो पर,
कही वीरान गलियो मे,
कही सुनसान सड़को पर,
कभी इन प्यासी निगाहों मे,
कभी इन बेज़ुबान होटो पर,
आपकी याद चिप चिपके,
आहट इस दिल पे करती है,
यह पलके मृग बन जाती है,
आँखों से मोति बरसने लगते है,
तब हम पलको को झुकाते है,
झूटा झूटा मुस्कुराते है,
यहा तो इतना ही कहता हू,
आप मुझे इतना क्यू सताती हो,
मेरी जान तुम,
यारा मुझे तुम बड़ा याद आती हो,
मुझे तुम बड़ा याद आती हो
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