ये किताबों के किस्से,
ये अफ़सानो की बातें,
यादो मे भीगी हुई,
ये जुदाई की रातें.
ये उलफत की कश्ती,
ये किनारो के वादे,
जसबात से भरी हुई,
ये काग़ज़-शियाही की मुलाक़ाते.
फलसफा ये बातें,
या कोई नज़्म पुरानी,
है ये हक़ीकत,
या बेनाम कहानी.
क्या लिखना इन्हे,
क्या महफूज़ करना,
हमारी दिल की बाते है,
इन्हे सिर्फ़ महसूस करना.
Tuesday, June 26, 2012
Saturday, June 23, 2012
जी कर रहा है तेरी तस्वीर को चूम लू आज
जी कर रहा है तेरी तस्वीर को चूम लू आज,
प्यार की इस बरसात मे झूम लू आज,
ना जाने किस घड़ी सास रुक जाए मेरी,
चाहत के वदिओ मे थोडा घूम लू आज.
पता नही क्यू अब ये दिल बात नही मान रहा,
मुश्किल हो रहा है अब इन धड़कनो को संभालना,
जी कर रहा है तेरी तस्वीर को ही हमसफ़र मान लू आज
सारी बाते इस दिल की तेरे तस्वीर से ही करलू आज.
आज मेरे दिल ने तेरे तस्वीर को दे दिया है वास्ता प्यार का,
तुझे निकल कर आना होगा जो वादा दिया है दीदार का,
जी कर रहा है मेरी रूह को तेरे रूह के हवाले कर दू आज,
काँधे पर सिर रखकर उसके थोड़ी देर सोलू आज.
प्यार की इस बरसात मे झूम लू आज,
ना जाने किस घड़ी सास रुक जाए मेरी,
चाहत के वदिओ मे थोडा घूम लू आज.
पता नही क्यू अब ये दिल बात नही मान रहा,
मुश्किल हो रहा है अब इन धड़कनो को संभालना,
जी कर रहा है तेरी तस्वीर को ही हमसफ़र मान लू आज
सारी बाते इस दिल की तेरे तस्वीर से ही करलू आज.
आज मेरे दिल ने तेरे तस्वीर को दे दिया है वास्ता प्यार का,
तुझे निकल कर आना होगा जो वादा दिया है दीदार का,
जी कर रहा है मेरी रूह को तेरे रूह के हवाले कर दू आज,
काँधे पर सिर रखकर उसके थोड़ी देर सोलू आज.
Friday, June 22, 2012
फासला इतना रखनेकी ज़रूरत क्या थी
फासला इतना रखने की ज़रूरत क्या थी,
मुझसे जुदा होने की ज़रूरत क्या थी,
अब तो मुझसे दूर बैठे हो,
पर पहले मुज़से नज़रे मिलाने की ज़रूरत क्या थी.
मेरा साथ छोड़ जाने की ज़िद्द क्या थी,
सब रिश्ते नाते तोड़ जाने की ज़िद्द क्या थी,
हम तो पहले ही तन्हाई से लढ रहे थे,
हमारा हाथ थामने की ज़िद्द क्या थी.
मेरा गम दुनिया को बताने की ज़रूरत क्या थी,
चौराहे मे मेरा हाल बताने की ज़रूरत क्या थी,
आपके नाम से तो हम पहले ही बदनाम थे,
और ये अंजाम जोड़ने की ज़रूरत क्या थी
मुझसे जुदा होने की ज़रूरत क्या थी,
अब तो मुझसे दूर बैठे हो,
पर पहले मुज़से नज़रे मिलाने की ज़रूरत क्या थी.
मेरा साथ छोड़ जाने की ज़िद्द क्या थी,
सब रिश्ते नाते तोड़ जाने की ज़िद्द क्या थी,
हम तो पहले ही तन्हाई से लढ रहे थे,
हमारा हाथ थामने की ज़िद्द क्या थी.
मेरा गम दुनिया को बताने की ज़रूरत क्या थी,
चौराहे मे मेरा हाल बताने की ज़रूरत क्या थी,
आपके नाम से तो हम पहले ही बदनाम थे,
और ये अंजाम जोड़ने की ज़रूरत क्या थी
दूर गये हो जबसे यह राह रुला देती है
दूर गये हो जबसे यह राह रुला देती है,
हमको तो गुजरनेवाली हर रात रुला देती है,
वैसे तो हम दिल के बड़े पक्के है,
क्या करे बस आपकी ये याद रुला देती है
हमको तो गुजरनेवाली हर रात रुला देती है,
वैसे तो हम दिल के बड़े पक्के है,
क्या करे बस आपकी ये याद रुला देती है
ज़रा देखलू तुम्हारे आँखों मे
ज़रा देखलू तुम्हारे आँखों मे,
ये ख्वाब किसके है,
ये दिल मे बह रहे अरमान किसके है,
तुम तो कह रही थी,
इस दिल से आज तक कोई नही गुज़रा,
तो फिर बताओ ये पैरो के निशान किसके है.
Thursday, June 21, 2012
पास आके मेरे
पास आके मेरे,
बाहो मे आओ किसी दिन,
क्यो हमेशा गरजते हो,
बरस जाओ किसी दिन.
कहानी अपने दिल की,
सुना जाओ किसी दिन,
दर पर मेरे आके,
जाना भूल जाओ किसी दिन
बाहो मे आओ किसी दिन,
क्यो हमेशा गरजते हो,
बरस जाओ किसी दिन.
कहानी अपने दिल की,
सुना जाओ किसी दिन,
दर पर मेरे आके,
जाना भूल जाओ किसी दिन
याद आ रहा है वो गुनाह
याद आ रहा है वो गुनाह,
जो हमने कभी किया था,
पेहला इश्क़ किया था,
आखरी तुमसे किया था.
जो हमने कभी किया था,
पेहला इश्क़ किया था,
आखरी तुमसे किया था.
Wednesday, June 20, 2012
मुलाक़ात का दिन आ रहा है
मुलाक़ात का दिन आ रहा है,
क़रीब उनके जाने का दिन आ रहा है,
जो दिल ने कहा है, जो दिल ने सुना है,
वो सब एहसास दिलाने का दिन आ रहा है.
अब ये दिल चीर के आपके कदमो मे रखदू,
के जान लूटाने का दिन आ रहा है,
छा रही है मदहोशी इस कदर,
के अब निगाहे चुराने का दिन आ रहा है.
यह फ़िज़ाए झूमती फिर रही,
के सावन मे गुल खिलने का दिन आ रहा है,
बहुत हुई अब दिलोकी लुक्का छिपी,
के अब बादलो से बेपर्दा होने का दिन आ रहा है.
क़रीब उनके जाने का दिन आ रहा है,
जो दिल ने कहा है, जो दिल ने सुना है,
वो सब एहसास दिलाने का दिन आ रहा है.
अब ये दिल चीर के आपके कदमो मे रखदू,
के जान लूटाने का दिन आ रहा है,
छा रही है मदहोशी इस कदर,
के अब निगाहे चुराने का दिन आ रहा है.
यह फ़िज़ाए झूमती फिर रही,
के सावन मे गुल खिलने का दिन आ रहा है,
बहुत हुई अब दिलोकी लुक्का छिपी,
के अब बादलो से बेपर्दा होने का दिन आ रहा है.
कभी आपको हसाते हुए मर जाते है
कभी आपको हसाते हुए मर जाते है,
कभी आपको मनाते हुए मर जाते है,
हम सूखे हुए झील के वो मेंढक है,
जो रिश्ता निभाते हुए मर जाते है.
उनके ही कत्ल का इल्ज़ाम वो हमारे सिर लगाते है,
जो हमे जलाने आए थे और खुद जलते हुए मर जाते है,
यह इश्क़ की कहानी तो ऐसे ही नही मिटती ए मेरे दोस्त,
यहा रोज़ कोई आशिक़ अपना किरदार निभाते हुए मर जाते है
कभी आपको मनाते हुए मर जाते है,
हम सूखे हुए झील के वो मेंढक है,
जो रिश्ता निभाते हुए मर जाते है.
उनके ही कत्ल का इल्ज़ाम वो हमारे सिर लगाते है,
जो हमे जलाने आए थे और खुद जलते हुए मर जाते है,
यह इश्क़ की कहानी तो ऐसे ही नही मिटती ए मेरे दोस्त,
यहा रोज़ कोई आशिक़ अपना किरदार निभाते हुए मर जाते है
Monday, June 18, 2012
वापस आजाओ के ज़िंदगी कम है
वापस आजाओ के ज़िंदगी कम है,
तुम नही यहा तो ख़ुशनसीबी कम है,
यू रहती थी हमेशा साथ मेरे साये की तरह,
अब तक समझ नही पाया,
चले गये आप या यहा रोशनी कम है.
तुम नही यहा तो ख़ुशनसीबी कम है,
यू रहती थी हमेशा साथ मेरे साये की तरह,
अब तक समझ नही पाया,
चले गये आप या यहा रोशनी कम है.
Friday, June 15, 2012
धड़कने है किसी और की
धड़कने है किसी और की,
यह दिल किसी और का है,
लगता हैं मेरे बदन का
हर एक पुर्जा किसी और का हैं.
एक और हाथ हैं अंजान,
महसूस हुआ अभी जो,
हम तुम तो शायद कठपुतलिया है,
यह खेल तो किसी और का है.
यह जो पाव है मेरे
खुदा करे और किसी के ना हो,
चल रहा हूँ मैं,
और लक्ष क्या किसी और का है.
अश्को से भर रहा हूँ
मैं ज़िंदगी का सफ़र,
इतने बरस के बाद भी
यह अश्को का दरिया किसी और का है.
किस बुनियाद से ये कहें की
यह ज़ुबान हमारी है,
लज्ब शायद मेरे हो,
ल़हेजा तो किसी और का है
यह दिल किसी और का है,
लगता हैं मेरे बदन का
हर एक पुर्जा किसी और का हैं.
एक और हाथ हैं अंजान,
महसूस हुआ अभी जो,
हम तुम तो शायद कठपुतलिया है,
यह खेल तो किसी और का है.
यह जो पाव है मेरे
खुदा करे और किसी के ना हो,
चल रहा हूँ मैं,
और लक्ष क्या किसी और का है.
अश्को से भर रहा हूँ
मैं ज़िंदगी का सफ़र,
इतने बरस के बाद भी
यह अश्को का दरिया किसी और का है.
किस बुनियाद से ये कहें की
यह ज़ुबान हमारी है,
लज्ब शायद मेरे हो,
ल़हेजा तो किसी और का है
कोई किस्सा सुन कर क्या करना
कोई किस्सा सुन कर क्या करना,
यू शब्दो को बढ़ाकर क्या करना,
तुम मेरे हो और मेरे रहोगे,
ये सब दुनिया को बताके क्या करना.
तुम साथ निभाओ चाहत से,
ये रस्मे निभके क्या करना,
दिल मे बसालीया है अबके जो,
अब घर पर जाके क्या करना
यू शब्दो को बढ़ाकर क्या करना,
तुम मेरे हो और मेरे रहोगे,
ये सब दुनिया को बताके क्या करना.
तुम साथ निभाओ चाहत से,
ये रस्मे निभके क्या करना,
दिल मे बसालीया है अबके जो,
अब घर पर जाके क्या करना
मुझे तुम बड़ा याद आती हो
कुदरत का सितारों पर,
रोशनी का नजारो पर,
उदासी का गुलज़ारो पर,
कही वीरान गलियो मे,
कही सुनसान सड़को पर,
कभी इन प्यासी निगाहों मे,
कभी इन बेज़ुबान होटो पर,
आपकी याद चिप चिपके,
आहट इस दिल पे करती है,
यह पलके मृग बन जाती है,
आँखों से मोति बरसने लगते है,
तब हम पलको को झुकाते है,
झूटा झूटा मुस्कुराते है,
यहा तो इतना ही कहता हू,
आप मुझे इतना क्यू सताती हो,
मेरी जान तुम,
यारा मुझे तुम बड़ा याद आती हो,
मुझे तुम बड़ा याद आती हो
रोशनी का नजारो पर,
उदासी का गुलज़ारो पर,
कही वीरान गलियो मे,
कही सुनसान सड़को पर,
कभी इन प्यासी निगाहों मे,
कभी इन बेज़ुबान होटो पर,
आपकी याद चिप चिपके,
आहट इस दिल पे करती है,
यह पलके मृग बन जाती है,
आँखों से मोति बरसने लगते है,
तब हम पलको को झुकाते है,
झूटा झूटा मुस्कुराते है,
यहा तो इतना ही कहता हू,
आप मुझे इतना क्यू सताती हो,
मेरी जान तुम,
यारा मुझे तुम बड़ा याद आती हो,
मुझे तुम बड़ा याद आती हो
Thursday, June 14, 2012
मुझसे मिला लीजिए अपने दिल को और प्यार कीजिए
मुझसे मिला लीजिए अपने दिल को और प्यार कीजिए,
किसी सुहाने वक़्त मे हो सके तो इक़्क़रार कीजिए,
हाय ये मुस्कुराना कैसा, हाय ये शरमाना कैसा,
निगाहो से घायल कर मुझे मार जाना कैसा,
पल्को की छाव मे, इन क़ातिल हवओ मे,
मेरी इस जिंदगी को आबाद कीजिए.
मुझसे मिला लीजिए अपने दिल को और प्यार कीजिए.
आती रही बहारें, जाती रही बहारें,
कबसे जी रहे है इंतेजार मे तुम्हारें,
छा रही है मदहोशी,
कुछ कुछ कह रही है ज़िंदगी,
जीने की उमँगो को मेरे अब तो करार दीजिए.
मुझसे मिला लीजिए अपने दिल को और प्यार कीजिए
दिल मे बसा लो प्यार-ए-खुदा को,
बक्ष दो जन्नत अपने इस मेहेरबा को,
मौसम हसी है, रातें जवान है,
अब खुद को ना यू बंदिशो मे क़ैद कीजिए.
मुझसे मिला लीजिए अपने दिल को और प्यार कीजिए
किसी सुहाने वक़्त मे हो सके तो इक़्क़रार कीजिए,
हाय ये मुस्कुराना कैसा, हाय ये शरमाना कैसा,
निगाहो से घायल कर मुझे मार जाना कैसा,
पल्को की छाव मे, इन क़ातिल हवओ मे,
मेरी इस जिंदगी को आबाद कीजिए.
मुझसे मिला लीजिए अपने दिल को और प्यार कीजिए.
आती रही बहारें, जाती रही बहारें,
कबसे जी रहे है इंतेजार मे तुम्हारें,
छा रही है मदहोशी,
कुछ कुछ कह रही है ज़िंदगी,
जीने की उमँगो को मेरे अब तो करार दीजिए.
मुझसे मिला लीजिए अपने दिल को और प्यार कीजिए
दिल मे बसा लो प्यार-ए-खुदा को,
बक्ष दो जन्नत अपने इस मेहेरबा को,
मौसम हसी है, रातें जवान है,
अब खुद को ना यू बंदिशो मे क़ैद कीजिए.
मुझसे मिला लीजिए अपने दिल को और प्यार कीजिए
Wednesday, June 13, 2012
चलो मुहब्बत हम कर लेते है
चलो मुहब्बत हम कर लेते है,
अब अपने दिल को एक कर लेते है,
चलो मुहब्बत हम कर लेते है.
इस मुहब्बत की वादी मे,
आओ हम दो दो कदम चल लेते है,
इन हाथों की लकीरो को अब हम एक कर लेते है,
आओ चलो मुहब्बत हम कर लेते हैं.
चलो खो जाते है इन खाबो मे,
जाकर वहा रिश्तो को जोड़ लेते है,
चाहत के इन रंगों मे हम,
चलो अपना सपना रंग लेते हैं,
आओ चलो हम मुहब्बत कर लेते हैं.
चलो रह जाते है वो आशियाने मे,
जहा प्यार के फरिश्ते रहते है,
वफ़ा के इन धागो से अब हम अपने जीवन बून लेते है.
आओ चलो मुहब्बत हम कर लेते है,
आओ चलो मुहब्बत हम कर लेते है
अब अपने दिल को एक कर लेते है,
चलो मुहब्बत हम कर लेते है.
इस मुहब्बत की वादी मे,
आओ हम दो दो कदम चल लेते है,
इन हाथों की लकीरो को अब हम एक कर लेते है,
आओ चलो मुहब्बत हम कर लेते हैं.
चलो खो जाते है इन खाबो मे,
जाकर वहा रिश्तो को जोड़ लेते है,
चाहत के इन रंगों मे हम,
चलो अपना सपना रंग लेते हैं,
आओ चलो हम मुहब्बत कर लेते हैं.
चलो रह जाते है वो आशियाने मे,
जहा प्यार के फरिश्ते रहते है,
वफ़ा के इन धागो से अब हम अपने जीवन बून लेते है.
आओ चलो मुहब्बत हम कर लेते है,
आओ चलो मुहब्बत हम कर लेते है
करीब लाकर दूर करते हो
करीब लाकर दूर करते हो,
ज़ुबान से इस दिल को चूर करते हो,
लगता है तुम्हे बस प्यारी है अपने कलेजे की ठंडक,
इसीलिए मेरी मुहब्बत को गैर केह्ते हो.
ज़ुबान से इस दिल को चूर करते हो,
लगता है तुम्हे बस प्यारी है अपने कलेजे की ठंडक,
इसीलिए मेरी मुहब्बत को गैर केह्ते हो.
पता नही लोग क्यू मिट्टी पे चलने से डरते हैं
पता नही लोग क्यू मिट्टी पे चलने से डरते हैं,
क्या उन्हे नही पता आख़िर मे हम तो मिट्टी मे मिलते हैं
क्या उन्हे नही पता आख़िर मे हम तो मिट्टी मे मिलते हैं
हमको आपकी नज़रों ने लूटा
हमको आपकी नज़रों ने लूटा,
जैसे माज़ी को कीनारो ने लूटा,
आप तो कापते हो कसम के नाम से,
हमे तो आपकी कसम देकर हज़ारो ने लूटा.
जैसे माज़ी को कीनारो ने लूटा,
आप तो कापते हो कसम के नाम से,
हमे तो आपकी कसम देकर हज़ारो ने लूटा.
आपको बताना क्या
आपको बताना क्या,
आपसे छुपाना क्या,
मुहब्बत है ये और कुछ नही,
अब खुद को समझाना क्या,
बाहे खोल कर लिपट जाउ,
अब तो आपसे शरमाना क्या.
आपसे छुपाना क्या,
मुहब्बत है ये और कुछ नही,
अब खुद को समझाना क्या,
बाहे खोल कर लिपट जाउ,
अब तो आपसे शरमाना क्या.
Wednesday, June 6, 2012
अपनी यादें अपनी बातें
अपनी यादें अपनी बातें
लेकर जाना भूल गये,
जानेवाले जल्दी मे थे शायद
मेरी रूह ले जाना भूल गये
लेकर जाना भूल गये,
जानेवाले जल्दी मे थे शायद
मेरी रूह ले जाना भूल गये
कसूर तो था उनके अदा ओ का है
कसूर तो था उनके अदा ओ का है,
जो हम उनसे प्यार कर बैठे,
हमने तो चुप रहने की कसम खाई थी,
बेवफा ज़ुबान इज़हार कर बैठे
जो हम उनसे प्यार कर बैठे,
हमने तो चुप रहने की कसम खाई थी,
बेवफा ज़ुबान इज़हार कर बैठे
यार छूट जायें तो कुछ अच्छा नही लगता
यार छूट जायें तो कुछ अच्छा नही लगता,
सहारा टूट जायें तो कुछ अच्छा नही लगता,
यारा तुम तो बहारों मे खिले रंग बे रंग फूल हो,
मगर फूल सुख जायें तो कुछ अच्छा नही लगता
सहारा टूट जायें तो कुछ अच्छा नही लगता,
यारा तुम तो बहारों मे खिले रंग बे रंग फूल हो,
मगर फूल सुख जायें तो कुछ अच्छा नही लगता
ये बारिश, ये तितली
ये बारिश, ये तितली,
ये दरिया, ये मौसम,
ना जाने कितनो से मुहब्बत थी,
तेरे आने से पहले
ये दरिया, ये मौसम,
ना जाने कितनो से मुहब्बत थी,
तेरे आने से पहले
रहती हो रोजाना अब ससों मे तुम
रहती हो रोजाना अब ससों मे तुम
खाबो मे तुम ख़यालो मे तुम,
जब भी सोचते है हम कुछ लिखेगे,
लफ़्ज़ों मे आ जाते हो तुम सिर्फ़ तुम
खाबो मे तुम ख़यालो मे तुम,
जब भी सोचते है हम कुछ लिखेगे,
लफ़्ज़ों मे आ जाते हो तुम सिर्फ़ तुम
खुदा तू एक बार ऐसा सपना सज़ा दे
खुदा तू एक बार ऐसा सपना सज़ा दे,
सपने मे उसे तू मेरा अपना बना दे,
कितना चाहता हू उसे तू तो जनता है ना,
जाग ना पाउ इस सपने से एसा सुला दे
सपने मे उसे तू मेरा अपना बना दे,
कितना चाहता हू उसे तू तो जनता है ना,
जाग ना पाउ इस सपने से एसा सुला दे
Monday, June 4, 2012
यूही राह चलते मुलाकात सी हो गयी
यूही राह चलते मुलाकात सी हो गयी,
दोस्ती करने चले थे और चाहत सी हो गयी.
जब तू ना हो पास तो खूद से उलझता हू,
अपने वजूद को तलाशता रहता हू,
मेरे पास आओ तो जीलु दो पल मैं,
क्या करू मूज़े तेरी आदत सी हो गयी.
मैं तुम्हे इस कदर चाहता हू,
हर एक सास को तुम्हारी अमानत मानता हू,
मैं नही जानता ज़िंदगी क्या है,
पर तुज़े चाहने के लिए लंबी उमर माँगता हू.
दोस्ती करने चले थे और चाहत सी हो गयी.
जब तू ना हो पास तो खूद से उलझता हू,
अपने वजूद को तलाशता रहता हू,
मेरे पास आओ तो जीलु दो पल मैं,
क्या करू मूज़े तेरी आदत सी हो गयी.
मैं तुम्हे इस कदर चाहता हू,
हर एक सास को तुम्हारी अमानत मानता हू,
मैं नही जानता ज़िंदगी क्या है,
पर तुज़े चाहने के लिए लंबी उमर माँगता हू.
खुदा तू एक बार ऐसा सपना सज़ा दे
खुदा तू एक बार ऐसा सपना सज़ा दे,
सपने मैं उसे तू मेरा बना दे,
कितना चाहता हू उसे तू तो जनता है ना,
जाग ना पाउ इस सपने से ऐसी गहरी नींद सुला दे
सपने मैं उसे तू मेरा बना दे,
कितना चाहता हू उसे तू तो जनता है ना,
जाग ना पाउ इस सपने से ऐसी गहरी नींद सुला दे
Friday, June 1, 2012
खामोश रहती हो तुम
खामोश रहती हो तुम,
जब पास मेरे होती हो,
होले से नज़र चुरा लेती हो तुम,
जब चुप चुपके इनायत करती हो.
लबो को करोगी चुप,
सास भी रोक लोगी,
धड़कनो का करोगी क्या?,
क्यू की आहट तो वहिसे होगी.
हाँ, हम करते है प्यार आपसे,
और आप ही हमारे फरिश्ते है,
अब तो पहचान जाइए,
यह तो हमारे रूह के रिश्ते है
जब पास मेरे होती हो,
होले से नज़र चुरा लेती हो तुम,
जब चुप चुपके इनायत करती हो.
लबो को करोगी चुप,
सास भी रोक लोगी,
धड़कनो का करोगी क्या?,
क्यू की आहट तो वहिसे होगी.
हाँ, हम करते है प्यार आपसे,
और आप ही हमारे फरिश्ते है,
अब तो पहचान जाइए,
यह तो हमारे रूह के रिश्ते है
यह दिल संभल गया है
यह दिल संभल गया है,
फिर भी तेरी सासो की खुशबू कम नही होती,
मेरी मज़िल नही है तू,
फिर भी तुझे चाहने की कशिश कम नही होती.
फिर भी तेरी सासो की खुशबू कम नही होती,
मेरी मज़िल नही है तू,
फिर भी तुझे चाहने की कशिश कम नही होती.
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