My Thoughts
Monday, May 14, 2012
हम तो उन्हे खुलकर भी चाह लेते
हम तो उन्हे खुलकर भी चाह लेते,
उस जहर को ल्ख्त-ए-जिगर मे उतार देते
पर उस बेवफा का ईरादा तो कुछ और ही था
वो तो हम थे जो उनके दिल से दिल लगा बैठे
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