Wednesday, May 30, 2012

जी चाहता है

जी चाहता है तेरे सारे खत जला दू,
तेरे साथ गुज़ारा हर वक़्त मिटा दू,
पर समज नही आता कैसे मेरे दिलसे तेरा नाम हटा दू.

अपनी सारी नींदे उड़ादू
और अपने सारे सपने जला दू,
पर यह बता कैसे अपनी आखोंसे तेरा अश्र सूखा दू.

जी करता हैं तेरी हर बात भूलादू,
खुशी को अपना दर्द अपना दू,
पर यह तो बता उन चन लम्हों की याद कैसे मिटा दू

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