My Thoughts
Friday, May 11, 2012
फिरसे ना सिमट पाओगे मुझे
फिरसे ना सिमट पाओगे मुझे
अगर अबके जो बिखर जाउंगा
मैं आपकी ज़ूलफे नही हू
जो हरबार फिरसे सवर जाउंगा
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