आप हमारी कमज़ोरी है,
यह ना बता पाना हमारी मजबूरी है,
आप क्यू नही समझते मेरी खामोशी,
खामोशी को ज़ुबान देना ज़रूरी है.
Thursday, May 31, 2012
तुमसे ये जुदाई अब बेकरार करती हैं
तुमसे ये जुदाई अब बेकरार करती हैं,
ये दूरी हमे अब लाचार करती हैं,
अब के जो मिलोगे तो आँखें मेरी पढ़लो,
हम खुद कैसे कहे की हम आपसे कितना प्यार करते हैं
ये दूरी हमे अब लाचार करती हैं,
अब के जो मिलोगे तो आँखें मेरी पढ़लो,
हम खुद कैसे कहे की हम आपसे कितना प्यार करते हैं
आज कुछ तूफ़ानी होने दो
आज कुछ तूफ़ानी होने दो,
अपने काले घने ज़ुल्फोन की घटाओ से,
एक घंटा सावन होने दो,
आज कुछ तूफ़ानी होने दो.
आज कुछ तूफ़ानी होने दो,
अपने कंगन की खनक से,
आसमान से बीजूरिया गिरने दो,
आज कुछ तूफ़ानी होने दो.
आज कुछ तूफ़ानी होने दो,
अपने पायल की छमक से,
इन हवाओ मे मिट्टी की महेक को झुमने दो,
आज कुछ तूफ़ानी होने दो.
आज कुछ तूफ़ानी होने दो,
अपनी होठों की लाली से एक घुट पिलाकर,
इस समा को मधहोश होने दो,
आज कुछ तूफ़ानी होने दो.
अपने काले घने ज़ुल्फोन की घटाओ से,
एक घंटा सावन होने दो,
आज कुछ तूफ़ानी होने दो.
आज कुछ तूफ़ानी होने दो,
अपने कंगन की खनक से,
आसमान से बीजूरिया गिरने दो,
आज कुछ तूफ़ानी होने दो.
आज कुछ तूफ़ानी होने दो,
अपने पायल की छमक से,
इन हवाओ मे मिट्टी की महेक को झुमने दो,
आज कुछ तूफ़ानी होने दो.
आज कुछ तूफ़ानी होने दो,
अपनी होठों की लाली से एक घुट पिलाकर,
इस समा को मधहोश होने दो,
आज कुछ तूफ़ानी होने दो.
Wednesday, May 30, 2012
मुझे तुम प्यार प्यार करके
मुझे तुम प्यार प्यार करके ना बर्बाद कर देना,
मुझे खुदमे समा कर मेरी ज़िंदगी आबाद कर देना,
अब तो बस चुके हो तुम मेरे मन के मंदिर मे,
पर खुदा की तरह तू भी मुझे नज़र अंदाज़ ना करदेना
मुझे खुदमे समा कर मेरी ज़िंदगी आबाद कर देना,
अब तो बस चुके हो तुम मेरे मन के मंदिर मे,
पर खुदा की तरह तू भी मुझे नज़र अंदाज़ ना करदेना
जी चाहता है
जी चाहता है तेरे सारे खत जला दू,
तेरे साथ गुज़ारा हर वक़्त मिटा दू,
पर समज नही आता कैसे मेरे दिलसे तेरा नाम हटा दू.
अपनी सारी नींदे उड़ादू
और अपने सारे सपने जला दू,
पर यह बता कैसे अपनी आखोंसे तेरा अश्र सूखा दू.
जी करता हैं तेरी हर बात भूलादू,
खुशी को अपना दर्द अपना दू,
पर यह तो बता उन चन लम्हों की याद कैसे मिटा दू
तेरे साथ गुज़ारा हर वक़्त मिटा दू,
पर समज नही आता कैसे मेरे दिलसे तेरा नाम हटा दू.
अपनी सारी नींदे उड़ादू
और अपने सारे सपने जला दू,
पर यह बता कैसे अपनी आखोंसे तेरा अश्र सूखा दू.
जी करता हैं तेरी हर बात भूलादू,
खुशी को अपना दर्द अपना दू,
पर यह तो बता उन चन लम्हों की याद कैसे मिटा दू
दिल कितना अजीब है
दिल कितना अजीब है,
जानता है के पल दो पल का साथ है तेरा मेरा,
फिर भी ज़िंदगी की फरियाद करता रेहता है.
जानता है के पल दो पल का साथ है तेरा मेरा,
फिर भी ज़िंदगी की फरियाद करता रेहता है.
और कुछ नही
ज़िंदगी मे है उम्मिदो की नहर और कुछ नही,
दिल मैं गिरा हैं दर्द का कहर ओर कुछ नही.
मुझे भी उजाले मे जीने का मंन करता है,
इस्स आबो हवा मे ढल जाने को दिल करता है,
पर अंधेरो मे है मेरी डगर ओर कुछ नही
अब दिल मचल मचल कर गाता है,
बेबसी को हटाकर प्यार की धुन सुनता है,
पर यादों की बेबसी चुरा ले जाती है मेरे लबोसे स्वर और कुछ नही.
मन तिनका बन आशिया बनाने का सपना सजाता है,
तूज़ संग हर लम्हा गुजरनेका सपना संजोता है,
पर बदकीस्मती जला जाती है मेरे सपनो का घर और कुछ नही
इन सबका दोष मैं किसको दू,
तेरी हैवान नज़र या किस्मत को दू,
ज़िंदगी के अनचाहे आलम के इल्ज़ाम लेता हूँ अपने सिर और कुछ नही
दिल मैं गिरा हैं दर्द का कहर ओर कुछ नही.
मुझे भी उजाले मे जीने का मंन करता है,
इस्स आबो हवा मे ढल जाने को दिल करता है,
पर अंधेरो मे है मेरी डगर ओर कुछ नही
अब दिल मचल मचल कर गाता है,
बेबसी को हटाकर प्यार की धुन सुनता है,
पर यादों की बेबसी चुरा ले जाती है मेरे लबोसे स्वर और कुछ नही.
मन तिनका बन आशिया बनाने का सपना सजाता है,
तूज़ संग हर लम्हा गुजरनेका सपना संजोता है,
पर बदकीस्मती जला जाती है मेरे सपनो का घर और कुछ नही
इन सबका दोष मैं किसको दू,
तेरी हैवान नज़र या किस्मत को दू,
ज़िंदगी के अनचाहे आलम के इल्ज़ाम लेता हूँ अपने सिर और कुछ नही
Tuesday, May 29, 2012
मैने जब दिल पे लिखा तेरा नाम
मैने जब दिल पे लिखा तेरा नाम,
मेरा दिल प्यार की ज़ुबान हो गया,
तूने इतना जो कीया ऐतबार,
मैं तो खिलकर गुलाब हो गया.
अब तो बस्ती मे माशहूर है,
तेरा मेरा यह अफ़साना,
तू हैं मेरा प्यार,
और मैं तेरा दीवाना.
मेरा दिल प्यार की ज़ुबान हो गया,
तूने इतना जो कीया ऐतबार,
मैं तो खिलकर गुलाब हो गया.
अब तो बस्ती मे माशहूर है,
तेरा मेरा यह अफ़साना,
तू हैं मेरा प्यार,
और मैं तेरा दीवाना.
आँखों आखोसे सुनाई देती हैं
आँखों आखोसे सुनाई देती हैं,
जो तेरे मेरे आँखों के दरमिया हैं,
दुनिया से वो बात चुपाई जाती हैं,
जो तेरे मेरे दरमियाँ हैं.
यहा अब मेरे दिल से पूछो,
करवाटो पे रात कैसे बिताई जाती हैं,
दर-ब-दर फिरनेवाले क्या जाने,
शब से भी प्यास बुझाई जाती हैं.
काग़ज़ को ला कर दरिया मैं फेकदो,
हम दिखा देंगे तूफ़ानो से कैसे शर्त लगाई जाती हैं,
दूर रहकर हम भी दिखा देंगे,
आग से कैसे आग बुझाई जाती हैं.
जो तेरे मेरे आँखों के दरमिया हैं,
दुनिया से वो बात चुपाई जाती हैं,
जो तेरे मेरे दरमियाँ हैं.
यहा अब मेरे दिल से पूछो,
करवाटो पे रात कैसे बिताई जाती हैं,
दर-ब-दर फिरनेवाले क्या जाने,
शब से भी प्यास बुझाई जाती हैं.
काग़ज़ को ला कर दरिया मैं फेकदो,
हम दिखा देंगे तूफ़ानो से कैसे शर्त लगाई जाती हैं,
दूर रहकर हम भी दिखा देंगे,
आग से कैसे आग बुझाई जाती हैं.
कैसे भूल सकता हू वो पहली मुलाक़ात
कैसे भूल सकता हू वो पहली मुलाक़ात,
जब चाँद बेनकाब हो इस धरती पे आया था,
सुर्ख लाबोसे मुझे देख वो मुस्कुराया था,
फिर ना जाने क्या सोच खुदसे शरमाया था
जब चाँद बेनकाब हो इस धरती पे आया था,
सुर्ख लाबोसे मुझे देख वो मुस्कुराया था,
फिर ना जाने क्या सोच खुदसे शरमाया था
Monday, May 28, 2012
चुप हू
तू हैं नादान इसीलिए चुप हू,
दर्द ही दर्द दिए है फिर भी चुप हू,
चाहता तो हू कह दू सबको दास्तान-ए-ज़िंदगी अपनी,
लेना पड़ेगा तेरा नाम इसीलिए चुप हू
दर्द ही दर्द दिए है फिर भी चुप हू,
चाहता तो हू कह दू सबको दास्तान-ए-ज़िंदगी अपनी,
लेना पड़ेगा तेरा नाम इसीलिए चुप हू
ए ज़िंदगी अब बस्स कर
रोज़ मिलती है मुझसे,
फिर भी इतनी अजनबी है क्यू,
ए ज़िंदगी अब बस्स कर,
तू रोज़ रंग बदलती हैं क्यू
फिर भी इतनी अजनबी है क्यू,
ए ज़िंदगी अब बस्स कर,
तू रोज़ रंग बदलती हैं क्यू
उनके हर शोखी अदाओ ने
उनके हर शोखी अदाओ ने
हमे पिघल जाने को कहा,
मैं था जो संभलता रहा और वो थे
जो हम पर इल्ज़ाम पे इल्ज़ाम लगा गये
हमे पिघल जाने को कहा,
मैं था जो संभलता रहा और वो थे
जो हम पर इल्ज़ाम पे इल्ज़ाम लगा गये
सोचा हैं एक
सोचा हैं एक दिन ऐसा भी होगा,
मेरे हाथों मैं आपका हाथ होगा,
फलक से चाँद तारे तोड़ रहे होंगे हम
और मेरा महबूब मेरे साथ होगा
मेरे हाथों मैं आपका हाथ होगा,
फलक से चाँद तारे तोड़ रहे होंगे हम
और मेरा महबूब मेरे साथ होगा
हमारे पास क्या रहता
वो अश्र बहा देते तो हमारे पास क्या रहता,
वी जो होसला छोड़ देते तो हमारे पास क्या रहता,
उनके पास तो अब ज़रियाही नही हैं हमतक पहुचनेक़ा,
अगर हम आपको अपना पता भी दे देते तो हमारे पास क्या रहता
वी जो होसला छोड़ देते तो हमारे पास क्या रहता,
उनके पास तो अब ज़रियाही नही हैं हमतक पहुचनेक़ा,
अगर हम आपको अपना पता भी दे देते तो हमारे पास क्या रहता
मैने अभिभि हार नही मानी हैं
दिल मैं तूफान हैं,
और आँखों मैं सुलगता पानी हैं,
ए ज़िंदगी एक बार फिरसे कान खोलके सुनले,
मैने अभिभि हार नही मानी हैं
और आँखों मैं सुलगता पानी हैं,
ए ज़िंदगी एक बार फिरसे कान खोलके सुनले,
मैने अभिभि हार नही मानी हैं
आपकी ससों पर बहुतोका उधर बाकी हैं
प्यार श्यार मैं किसी एक के लिए अपनी ज़िंदगी देना
तो कुदरत के खिलाफ वाडा खिलाफी हैं,
माना आसान हैं यह सब कहना पर
आपकी ससों पर बहुतोका उधर बाकी हैं
तो कुदरत के खिलाफ वाडा खिलाफी हैं,
माना आसान हैं यह सब कहना पर
आपकी ससों पर बहुतोका उधर बाकी हैं
इश्क़ तो
इश्क़ तो दो दिलों की बात होती हैं,
भगवान की दी हुई एक सौगात होती हैं,
यह सब हमारे समझसे परे हैं,
क्यूकी यह इश्क़ जो है एक काशिफ
और आजकल ये काशिफ कहा आम होते है
भगवान की दी हुई एक सौगात होती हैं,
यह सब हमारे समझसे परे हैं,
क्यूकी यह इश्क़ जो है एक काशिफ
और आजकल ये काशिफ कहा आम होते है
राज़
राज़ ये नही है की हमने किसीसे प्यार किया,
राज़ ये है के चाहकर भी कभी ये इज़हार ना किया,
वो तो इतने शोखी है फिरभी समझनासके,
हमारे साए ने तो कबका इकरार था कर दिया.
राज़ ये है के चाहकर भी कभी ये इज़हार ना किया,
वो तो इतने शोखी है फिरभी समझनासके,
हमारे साए ने तो कबका इकरार था कर दिया.
Wednesday, May 23, 2012
यहा तो लुटेरे ही प्यार का नकाब ओढ़के घूमते हैं
आपके किससे अब अफ़सानो मैं अछे लगते हैं,
जो दिल के शाही से निकालकर,
यादो के पन्नो पर रंग भरते हैं,
इश्क़ की गलियों मैं यह सितम हैं दोस्तों,
पल भर के साथ के बाद,
वो मूह फिराए बैठते हैं,
अब वो वफ़ा कहा ढूंदे हम,
यहा तो लुटेरे ही प्यार का नकाब ओढ़के घूमते हैं
जो दिल के शाही से निकालकर,
यादो के पन्नो पर रंग भरते हैं,
इश्क़ की गलियों मैं यह सितम हैं दोस्तों,
पल भर के साथ के बाद,
वो मूह फिराए बैठते हैं,
अब वो वफ़ा कहा ढूंदे हम,
यहा तो लुटेरे ही प्यार का नकाब ओढ़के घूमते हैं
इश्क़
जब से आपने मेरी
इस दुनिया मैं कदम रखा हैं,
ना जाने कितनोने हमे गिरगिट
की तरह बदलते देखा हैं
कोनसी आँखों मैं पलते हैं,
किनसे चुप कर मिलते हैं,
कभी फूलों की महेक बन आहोश मैं भरते हैं,
कभी रुसवाई की आग मैं तल मल जलते हैं,
कभी आपकी अदा का चोरी चोरी सजदा करते हैं,
कभी आपकी सासो पे सारी रात करवटे बदलते हैं,
यू तो यह इश्क़ नई आसान सबके सब कहते हैं,
पर कौन हैं जो इश्स नगर से बच कर निकलते हैं,
वैसे ना जाने इस दुनिया मैं कितने आए कितने गये,
पर इस इश्क़ को जिसने तराशा हैं
उसका तह-ए-दिल से शुक्रिया अदा हम करते हैं.
इस दुनिया मैं कदम रखा हैं,
ना जाने कितनोने हमे गिरगिट
की तरह बदलते देखा हैं
कोनसी आँखों मैं पलते हैं,
किनसे चुप कर मिलते हैं,
कभी फूलों की महेक बन आहोश मैं भरते हैं,
कभी रुसवाई की आग मैं तल मल जलते हैं,
कभी आपकी अदा का चोरी चोरी सजदा करते हैं,
कभी आपकी सासो पे सारी रात करवटे बदलते हैं,
यू तो यह इश्क़ नई आसान सबके सब कहते हैं,
पर कौन हैं जो इश्स नगर से बच कर निकलते हैं,
वैसे ना जाने इस दुनिया मैं कितने आए कितने गये,
पर इस इश्क़ को जिसने तराशा हैं
उसका तह-ए-दिल से शुक्रिया अदा हम करते हैं.
Tuesday, May 22, 2012
हम तो उन्हे हमदर्द समझते थे
हम तो उन्हे हमदर्द समझते थे
पता ही नही चला
कब वे दर्द की जगह
हम मैं उतर गये
पता ही नही चला
कब वे दर्द की जगह
हम मैं उतर गये
उनकी खुशी के लिए हम तो मरते गये
प्यार उन्हे हम इस्स कदर करते गये
जो जख्म दिये उन सबको भरते गये
उन्होने तो थाम ही लिया था हमे तो मार ही डालेंगे
उनकी खुशी के लिए हम तो मरते गये
जो जख्म दिये उन सबको भरते गये
उन्होने तो थाम ही लिया था हमे तो मार ही डालेंगे
उनकी खुशी के लिए हम तो मरते गये
फिरसे जीना सीखा दो मूज़े
एक तुम क्या मिले,
ना जाने क्या हो गया,
तुम्हे देख ऐसा लगता हैं,
जैसे जिए हमे अरसा हो गया
ऐसे कैसे कहूँ के,
अब अपना बनलो मुझे,
इस्स दुनिया से छूपाकर,
फिरसे जीना सीखा दो मूज़े
ना जाने क्या हो गया,
तुम्हे देख ऐसा लगता हैं,
जैसे जिए हमे अरसा हो गया
ऐसे कैसे कहूँ के,
अब अपना बनलो मुझे,
इस्स दुनिया से छूपाकर,
फिरसे जीना सीखा दो मूज़े
Monday, May 14, 2012
हम तो उन्हे खुलकर भी चाह लेते
हम तो उन्हे खुलकर भी चाह लेते,
उस जहर को ल्ख्त-ए-जिगर मे उतार देते
पर उस बेवफा का ईरादा तो कुछ और ही था
वो तो हम थे जो उनके दिल से दिल लगा बैठे
उस जहर को ल्ख्त-ए-जिगर मे उतार देते
पर उस बेवफा का ईरादा तो कुछ और ही था
वो तो हम थे जो उनके दिल से दिल लगा बैठे
खाबो का एक रास्ता
खाबो का एक रास्ता तू रोज मुझे दिखती थी
वफ़ा और मोहब्बत के किस्से तू रोज मुझे सुनाती थी
वो प्यार, वफ़ा और खाबो के रास्तो पर तो आज भी मैं चलता हू
कभी तो किसी मोड़ पर मिलोगे हमसे ये खाववीश मैं आगे बढ़ता हू
वफ़ा और मोहब्बत के किस्से तू रोज मुझे सुनाती थी
वो प्यार, वफ़ा और खाबो के रास्तो पर तो आज भी मैं चलता हू
कभी तो किसी मोड़ पर मिलोगे हमसे ये खाववीश मैं आगे बढ़ता हू
वो कल कातिल-ए-आम हैं
प्यार मे आज,
किसको किस पर ऐतबार हैं,
जिसको देखकर जीते हो अभी,
वो कल कातिल-ए-आम हैं
किसको किस पर ऐतबार हैं,
जिसको देखकर जीते हो अभी,
वो कल कातिल-ए-आम हैं
उस वक़्त तो ना समझ पाया था मैं
उस वक़्त तो ना समझ पाया था मैं
उसे आपकी भाषा मे क्या केह्ते हैं
मैं जो आउ वाउ कर रहा था ना मम्मा
आप तो उसे प्यार केहते हैं
उसे आपकी भाषा मे क्या केह्ते हैं
मैं जो आउ वाउ कर रहा था ना मम्मा
आप तो उसे प्यार केहते हैं
Friday, May 11, 2012
ये एहसास तो ज़िदगी तक ही हैं
ये एहसास तो ज़िदगी तक ही हैं,
क्या पता कोई मरता हैं,
वहा भी किसी के लिए.
क्या पता कोई मरता हैं,
वहा भी किसी के लिए.
दिल की बात
वैसे तो हम भी निकले थे घरसे,
बताने आपको हमारे दिल की बात,
कम्बक्त ईस ट्रॅफिक जॅम ने,
हमारा ईरादा बदल दिया.
बताने आपको हमारे दिल की बात,
कम्बक्त ईस ट्रॅफिक जॅम ने,
हमारा ईरादा बदल दिया.
आपको कितना याद करते है
मत पुचो के हम,
आपको कितना याद करते है,
बसस ईतना ही कहेंगे,
जितना हम आपकी हर एक सास के लीए
ख़ुदसे फरियाद करते है.
आपको कितना याद करते है,
बसस ईतना ही कहेंगे,
जितना हम आपकी हर एक सास के लीए
ख़ुदसे फरियाद करते है.
फिरसे ना सिमट पाओगे मुझे
फिरसे ना सिमट पाओगे मुझे
अगर अबके जो बिखर जाउंगा
मैं आपकी ज़ूलफे नही हू
जो हरबार फिरसे सवर जाउंगा
अगर अबके जो बिखर जाउंगा
मैं आपकी ज़ूलफे नही हू
जो हरबार फिरसे सवर जाउंगा
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