चल चलते है फिरसे वहा,
वो शोकी हवा ओ मे,
वो बादल सी घटाओ मे,
वो शबनमी राहों मे,
वो धुँद की बाहो मे.
चल वही चलते है,
दिल की धड़कन को सुनते है,
एक दूसरे का हाथ थामकर,
पल पल को महसूस करते है.
चल चलते है वहा
जहा बादल छूकर गुजरा था,
जहा बारिश हम पे बरसी थी,
बहुत सी अनकही बातें,
खामोशी की ज़ुबान से,
हमारे दिल मे उतरी थी.
चल चलते है फिरसे वही,
सेहेर-ए-मोहब्बत की ज़मीन पे,
जहा नज़र सिर्फ़ तू आती है,
जहा फ़िज़ा मे खुशबू सिर्फ़ हमारी है,
ना अपनी खबर तुम्हे कुछ होती है,
ना अपना पता मूज़े कुछ होता है.
चल चलते है वही फिरसे,
जहा दुनिया दीवारों मे क़ैद होती है,
जहा खामोशी की ज़ुबान धड़कन होती है,
जहा हक़ीक़त कोसो दूर होती है,
जहा मुहब्बत सिर्फ़ मुहब्बत होती है.
Tuesday, August 14, 2012
Thursday, August 9, 2012
कल मैने उसकी एक झलक देखी
कल मैने उसकी एक झलक देखी,
बीच राहो मे कही कुछ गुनगुना रही थी,
देख रहा था मैं उसको इधर उधर,
मगर वो लूका छिपी खेल मुस्कुरा रही थी,
आख़िर मिल ही गयी कुछ अरसे बाद,
देखा तो बाह फैलाए बुला रही थी,
हम दोनो थे खफा खफा एक दूसरे से अबतक,
कुछ मैं बता रहा था, कुछ वो बता रही थी,
सुलझा कर सब धागो को,
मिला मेरे दिल को क़रार,
मैं सवर रहा था उसकी आँखों मे,
और वो थपकी दे सुला रही थी,
जब पूछा मैने उससें,
तूने मुझे ये दर्द क्यू दिया,
वो मुस्कुराइ और बोली,
मैं ज़िंदगी हू, जीना सीखा रही थी
बीच राहो मे कही कुछ गुनगुना रही थी,
देख रहा था मैं उसको इधर उधर,
मगर वो लूका छिपी खेल मुस्कुरा रही थी,
आख़िर मिल ही गयी कुछ अरसे बाद,
देखा तो बाह फैलाए बुला रही थी,
हम दोनो थे खफा खफा एक दूसरे से अबतक,
कुछ मैं बता रहा था, कुछ वो बता रही थी,
सुलझा कर सब धागो को,
मिला मेरे दिल को क़रार,
मैं सवर रहा था उसकी आँखों मे,
और वो थपकी दे सुला रही थी,
जब पूछा मैने उससें,
तूने मुझे ये दर्द क्यू दिया,
वो मुस्कुराइ और बोली,
मैं ज़िंदगी हू, जीना सीखा रही थी
Thursday, August 2, 2012
यहा एक एक पल गिन गिन गुझर राहा है
यहा एक एक पल गिन गिन गुझर राहा है,
राह मे तेरे दिल तील मिल हो रहा है,
मिलने की आरजु है सनम तुझसे इतनी,
पर ये आसमान टपक टपक के मेरा रास्ता भिगो रहा है
राह मे तेरे दिल तील मिल हो रहा है,
मिलने की आरजु है सनम तुझसे इतनी,
पर ये आसमान टपक टपक के मेरा रास्ता भिगो रहा है
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